Unit IV - Computers and ICT
Syllabus and Study Resources (NCERT)

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कंप्यूटर के प्रकार, विशेषताएँ एवं पीढ़ी (Types of Computers, Characteristics and Generation)
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मेमोरी, इनपुट और आउटपुट डिवाइसेस, स्टोरेज डिवाइस, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम, विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के उपयोग (Memory, Input and Output Devices, Storage Devices, Software and Hardware, Operating systems, Windows, Uses of Microsoft office)
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कंप्यूटर की भाषाएँ, कम्पाईलर, ट्रान्सलेटर, इन्टरप्रिटर तथा एसेंबलर (Computer Languages, Translators, Compilers, Interpreters and Assemblers)
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इन्टरनेट एवं ई-मेल (Internet and E-mail)
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सोशल मीडिया (Social Media)
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ई-गवर्नेंस (E –Governance)
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विभिन्न उपयोगी पोर्टल और साइट और वेबपेजेस (Different useful Portals, Sites and Web Pages) (For Prelims)
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इलेक्ट्रानिकी, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Electronics, Information and Communication Technology) (For Prelims)
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रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवं सायबर सिक्यूरिटी (Robotics, Artificial Intelligence and Cyber Security) (For Prelims)
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ई-गवर्नेन्स (E-Governance) (For Prelims)
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इंटरनेट तथा सोशल नेटवर्किंग साईट्स (Internet and Social Networking Sites) (For Prelims)
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ई-कामर्स (E-commerce) (For Prelims)
1. कंप्यूटर के प्रकार, विशेषताएँ एवं पीढ़ी (Types of Computers, Characteristics and Generation)
1.1 प्रस्तावना
"Computer" comes from the Latin "putare" which means both to think and to prune.
शब्द "कंप्यूटर" एक लेटिन शब्द "प्यूटेर" से जनित होता है जिसका अर्थ है सोचना और छोटा करना।
कम्प्यूटर्स के जनक - चार्ल्स बबेज (Charles Babbage)
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1837 में, चार्ल्स बबेज (Charles Babbage, 1791-1871) ने एनालिटिकल इंजन की अवधारणा का आविष्कार किया और पहले स्वचालित कंप्यूटिंग इंजन को डिज़ाइन किया, जिसमें एक अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU), मूल प्रवाह नियंत्रण और एकीकृत मेमोरी शामिल थी।
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उन्होंने कंप्यूटर का आविष्कार किया लेकिन उन्हें बनाने में असफल रहे। दुर्भाग्य से, फंडिंग के मुद्दों के कारण, उनके जीवित रहते हुये ये कंप्यूटर कभी नहीं बन पाया।
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इसके डिजाइन के 153 साल बाद पहला पूरा बैबेज इंजन लंदन में 2002 में तैयार किया गया।
चार्ल्स बबेज (Charles Babbage) को कम्प्यूटर्स के जनक के रूप में जाना जाता है।
आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान के जनक - एलन ट्यूरिंग (Alan Turing)
आधुनिक कंप्यूटर का मूल सिद्धांत - कंप्यूटर की मेमोरी में संग्रहीत कोडेड निर्देशों के एक कम्प्यूटर प्रोग्राम के द्वारा मशीन के संचालन को नियंत्रित करने का विचार – की कल्पना एलन ट्यूरिंग (Alan Turing, 23 June 1912 – 7 June 1954) द्वारा की गई थी। एलन ट्यूरिंग (Alan Turing) ने कम्प्यूटर के डिजाइन के वर्तमान स्वरूप में योगदान दिया था, व इसी कारण से हम एलन ट्यूरिंग को आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान के जनक के रूप में जानते हैं।
Z3 एक जर्मन इलेक्ट्रोमैकेनिकल कंप्यूटर था जिसे कोनराड ज़्यूस (Konrad Zuse) ने 1935 में डिजाइन किया था, और 1941 में पूर्ण किया। लगभग 5-10 हर्ट्ज की घड़ी की आवृत्ति पर संचालित यह दुनिया का पहला वर्किंक, प्रोग्रामेबल, पूरी तरह से स्वचालित डिजिटल कंप्यूटर था। प्रोग्राम कोड को छिद्रित फिल्म (punched film) पर संग्रहीत (store) किया गया था। Zuse z3 पहला "वास्तविक" कंप्यूटर था, लेकिन इसे क्रेडिट नहीं मिला क्योंकि उस समय यह स्वयं को एक सार्वभौमिक ट्यूरिंग मशीन स्थापित नहीं कर सका, हालांकि 1998 में, Z3 को सिद्धांत रूप में, ट्यूरिंग-पूर्ण होने के लिए प्रदर्शित किया गया। इस मशीन के कारण, कोनराड ज़ूस को अक्सर कंप्यूटर के आविष्कारक के रूप में सुझाया जाता है।
पहला ऑल-इलेक्ट्रॉनिक, प्रोग्रामेबल, सामान्य उद्देशित, डिजिटल कंप्यूटर होने का जिसे क्रेडिट मिला वह ENIAC था, जिसे अमेरिका के पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के "जॉन मौचली और जे प्रेस्पर एकर्ट (“John Mauchly and J. Presper Eckert of the University of Pennsylvania, U.S.) द्वारा 1945 में डिजाइन किया गया था।
सबसे बड़े आकार पर निर्मित इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर, अर्थात ब्रिटिश कोलम्बस (British Colossus, 1944) और अमेरिकन इनियाक (US ENIAC, 1945) ने मेमोरी में प्रोग्राम स्टोर नहीं किए थे। एक नए कार्य के लिए इन कंप्यूटरों को स्थापित करने के लिए, मशीन के कुछ तारों को संशोधित करना, हाथ से केबल को फिर से स्थापित करना और स्विच स्थापित करना आवश्यक था।
1.2 वाल्व्स (Valves), ट्रांजिस्टर (Transistor), आईसी (IC = Integrated Circuit) और प्रोसेसर्स (Processors)
कम्प्यूटर्स की पीढि़यों को समझने से पहले वाल्व्स (Valves or vacuum tubes), ट्रांजिस्टर (Transistor), आईसी (IC = Integrated Circuit) और चिप (Chip) को समझना आवश्यक है।
हमारे मस्तिष्क में लगभग 100 अरब कोशिकाएँ होती हैं जिन्हें न्यूरॉन्स कहा जाता है – ये ऐसे छोटे स्विच हैं जो हमें चीजों को सोचने और याद रखने में निमित्त होते हैं।
कंप्यूटर में भी लघु मस्तिष्क कोशिकाओं जैसे करोड़ों-अरबों हार्डवेअर प्रारूप होते हैं। इन्हें ट्रांजिस्टर कहा जाता है और वे सिलिकॉन से बने होते हैं, जो आमतौर पर रेत में पाया जाता है। आधी सदी पूर्व जॉन बार्डीन, वाल्टर ब्राटेन और विलियम शॉक्ले (John Bardeen, Walter Braten and William Shockley) द्वारा किये गये आविष्कार ट्रांजिस्टर ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
परन्तु ट्रांजिस्टर में ऐसा क्या है जो इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में क्रांति का वाहक हुआ है?
1946 - 1959 के बीच विकसित हुये पहली पीढ़ी के कम्प्यूटर्स आकार में बहुत बड़े (एक पूरे कमरे के आकार के कंप्यूटर) और कुछ बुनियादी गणना कर पाने तक ही सीमित थे। इसका सबसे बड़ा कारण था इनमें वैक्यूम ट्यूब या वाल्व (जिनका स्थान बाद की पीढ़ी वाले कम्प्यूटर्स में छोटे ट्रान्जि़स्टर्स ने लिया) का उपयोग होना जो न सिर्फ बहुत अधिक स्थान लेते थे, और इस कारण कम्प्यूटर की क्षमता बढ़ाने में सबसे बड़े बाधा थे।
एक वैक्यूम ट्यूब वास्तव में कांच की एक ट्यूब थी जो कांच का होने के कारण अत्याधिक नाजुक उपकरण था। इसमें एक तंतु (filament) था जो विद्युत आपूर्ति से गरम किया जाता था और तब वह तुतु इलेक्ट्रॉनों के स्रोत के रूप में कार्य करता था और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को नियंत्रित करने में सक्षम था।
अत: दूसरी बहुत बड़ी बाधा इन वैक्यूम ट्यूब के उपयोग में थी, इनका शीघ्र ही बहुत गर्म हो जाना। वैक्यूम ट्यूब बहुत अधिक विद्युत शक्ति का उपयोग करते थे, उष्मा का अत्याधिक उत्सर्जन करते थे और अपने डिज़ाईन के कारण अविश्वसनीय थे। उनका एक प्रतिस्थापन खोजा जाना अतिआवश्यक था।
ट्रांजिस्टर के अविष्कार के साथ ही पूरा परिदृष्य ही बदल गया।
आखिरकार, एक लाख ट्रांजिस्टर्स को उनकी वांछित केबलिंग और अन्य संगत हार्डवेअर यथा रजि़स्टर्स व कन्डक्टर्स आदि के साथ एक वर्ग सेंटीमीटर में रखने में सक्षम होना उसी सिस्टम को चलाने के लिये ट्रांजिस्टर्स के स्थान पर वैक्यूम ट्यूब से पूरे कमरे को भरने और वांछित केबलिंग करने की विवशता से छुटकारा पाने की व्यवस्था कम्प्यूटर्स की पहली पीढ़ी और दूसरी पीढ़ी में गुणात्मक परिवर्तन परिलक्षित करती है।
ट्रांजिस्टर का डिज़ाइन और आविष्कार 1947 में तीन व्यक्तियों यथा बरदीन, ब्रेटन और शॉकले (Bardeen, Brattain, and Shockley) ने किया था। ट्रांजिस्टर वास्तव में वैक्यूम ट्यूब से बहुत बेहतर था। ट्रांजिस्टर वास्तव में पीसी (personal computer) को छोटा बनाने, और पीसी को लगातार अपेक्षाकृत सस्ता और सस्ता बनाने का निमित्त बना। ट्रांजिस्टर ने ऊष्मा का उत्सर्जन अत्यंत किया, और संचालन में विद्युत की खपत बहुत कम कर दी। अत: कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी में ऊर्जा की खपत पहली पीढ़ी की तुलना में बहुत कम थी। ट्रांजिस्टर्स असाधारण रूप से भरोसेमंद और विश्वसनीय थे।


एक एकीकृत सर्किट, या आईसी (IC = Integrated Circuit), एक छोटे से वेफर की शक्ल में एक छोटी चिप होती है जो एम्पलीफायर या ऑसीलेटर या माइक्रोप्रोसेसर या कंप्यूटर मेमोरी के रूप में कार्य कर सकती है। एक आईसी आमतौर पर सिलिकॉन से बना होता है, और इसमें सैकड़ों लाखों ट्रांजिस्टर, रेसिस्टर्स और कैपेसिटर्स से बने एकीकृत सर्कित होते हैं। ये अत्यंत छोटे इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुत: डिजिटल या एनालॉग तकनीक का उपयोग करके गणना करने में सक्षम हैं (उदाहरणार्थ डिजिटल केलकुलेटर्स) और साथ ही डेटा स्टोर कर सकते हैं (उदाहरणार्थ BIOS Chip या RAM)।
जैक किल्बी (Jack Kilby) को एकीकृत सर्किट या आईसी चिप्स (IC chips) के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है।
एक प्रोसेसर (processor) एक लॉजिक सर्किटरी होता है जिसमें अनेकों बहुत शक्तिशाली आईसी पुन: आपस में एकीकृत होकर संसाधन करते हैं और जो कंप्यूटर को चलाने सम्बंधी मूल निर्देशों का नियन्त्रण करता है और उन्हें संसाधित करता (process) है। किसी भी कम्प्यूटर का सीपीयू (CPU = Central Processing Unit) उस कंप्यूटर का मुख्यतम और सबसे महत्वपूर्ण प्रोसेसर (processor) होता हैं।
प्रोसेसर और केंद्रीय प्रसंस्करण इकाई (सीपीयू = CPU) को आपस में समानार्थक शब्द के रूप में उपयोग किया जाता है, हालांकि किसी कंप्यूटर में सीपीयू ही एकमात्र प्रोसेसर नहीं होता है, प्रोसेसर शब्द का अर्थ आमतौर पर सीपीयू से ही लिया जाता है।
एक प्रोसेसर के निम्नानुसार मूल तत्व होते हैं:
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अंकगणित तर्क इकाई (Arithmetic Logic Unit = ALU), जो अंकगणित और तर्क संचालन को निर्देशों के अनुसार संचालित और संसाधित करती है।
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रजिस्टर्स, जो निर्देश और अन्य डेटा रखते हैं, ALU को संकार्यों (operands) की आपूर्ति करता हैं और संचालन के परिणामों को संग्रहीत करते हैं।
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Cache मेमोरी। सीपीयू में उनका समावेश रैंडम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory = RAM = रैम) से डेटा प्राप्त करने में लगने वाले समय की बचत करता है।
इंटेल कोर (Intel Core) i3 / i5 / i7 के dual-core मोबाइल संस्करण में जिसका आकार लगभग 101.83 वर्ग मिमी होता है, में लगभग 175 करोड़ ट्रांजिस्टर्स होते हैं। यह प्रति वर्ग मिलीमीटर लगभग 172 लाख ट्रांजिस्टर के घनत्व पर काम करता है। हालांकि अब इससे अधिक क्षमता के भी प्रोसेसर्स उपलब्ध हैं।